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लक्ष्मी ने इस वेबसाइट की शुरुआत उन पाठकों के लिए की जो सामान्य जीवन से अलग कुछ पढ़ना चाहते हैं — ऐसा साहित्य जो रहस्य, भय और सामाजिक प्रतीकों को मिलाकर एक नया अनुभव दे। हॉरर केवल “भूत-प्रेत” तक सीमित नहीं है; यह हमारे डर, अपराधबोध, और दबी हुई इच्छाओं का भी प्रतिबिंब हो सकता है। ScaryPumpkinByLaxmi इसी सोच को केंद्र में रखकर कहानियाँ प्रस्तुत करती है ।


हमारी प्रेरणा
हर इंसान के भीतर कोई न कोई डर छिपा होता है। कोई बचपन के खौफ को नहीं भूल पाता, तो कोई अधूरी बातों की गूँज से घबरा जाता है। ScarypumpkinByLaxmi इन अदृश्य डरों को कहानी में बदलने की एक साहित्यिक कोशिश है। लक्ष्मी ने इस मंच को उन आवाज़ों का घर बनाया है, जिन्हें अक्सर अनसुना कर दिया जाता है — जैसे किसी पुराने झोपड़े से आती धीमी-सी सरसराहट।


मुख्य श्रेणियाँ (Categories):

  1. असली घटनाओं पर आधारित कहानियाँ (True Event Based Horror):
    यह सेक्शन उन घटनाओं को समर्पित है जो या तो लोककथाओं का हिस्सा रही हैं या जिनका अनुभव लोगों ने सच में किया है। जैसे – “वो कोठी जिसकी खिड़कियाँ कभी बंद नहीं होतीं।”
  2. मानसिक डर और भ्रम पर आधारित कहानियाँ (Psychological Horror):
    इन कहानियों में कोई राक्षस बाहर नहीं होता — वह भीतर होता है। जैसे — “आईने में जो दिखा, वो मैं नहीं था।”
  3. हॉरर कविता और लघुकथा (Horror Poems & Short Pieces):
    संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली रचनाएँ जो डर को एक कलात्मक रूप में प्रस्तुत करती हैं।
  4. लोककथाओं और क्षेत्रीय डर की कहानियाँ (Folklore & Rural Horror):
    भारत के गाँवों और कस्बों से जुड़ी डरावनी मान्यताएँ और परंपराएं, जो अब तक कहानियों में नहीं आई थीं।
    लेखन शैली की विशेषताएँ:
    वातावरण निर्माण (Atmosphere Building):
    कहानियाँ धीरे-धीरे पाठक को अपने जाल में फँसाती हैं। भाषा ऐसी होती है कि जैसे पाठक स्वयं उस डरावनी जगह पर मौजूद हो।
    भावनात्मक गहराई (Emotional Depth):
    डर के पीछे छिपे भावनात्मक कारण जैसे अकेलापन, बदला, या छला जाना — इन सबको लेखिका बहुत ही सूक्ष्मता से उजागर करती हैं।
    संवाद और चित्रात्मकता (Dialogues & Imagery):
    संवाद सजीव और स्वाभाविक हैं, और शब्दचित्र इतने सटीक कि पाठक हर दृश्य अपनी आँखों के सामने देख पाता है।