_लक्ष्मी जायसवाल
रात के ठीक 12 बजे रवि अपने कैमरे के साथ ‘शमशानपुर जंक्शन’ पहुँचा। यह स्टेशन 25 साल पहले बंद हो चुका था, लेकिन आज भी स्थानीय लोग कहते हैं कि वहां ट्रेन की सीटी सुनाई देती है और एक रहस्यमयी लड़की प्लेटफॉर्म पर बैठी मिलती है।
रवि एक यूट्यूबर था, जो भूतिया जगहों पर वीडियो बनाकर पैसे कमाता था। वह डर को नकारता था, उसे लगता था कि भूत-प्रेत सिर्फ कहानियाँ हैं। लेकिन शमशानपुर में उसका यह विश्वास टूटने वाला था।
स्टेशन पर घुप्प अंधेरा था, केवल रवि की टॉर्च की रोशनी सामने की पटरियों को दिखा रही थी। पुराने बोर्ड पर ‘शमशानपुर जंक्शन’ लिखा था, पर कुछ अक्षर धुंधले हो चुके थे। चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था, मानो समय रुक गया हो।
रवि ने अपना कैमरा ऑन किया और बोलना शुरू किया, “दोस्तों, मैं आज भारत के सबसे डरावने स्टेशन पर हूँ… अगर यहाँ कुछ भी असामान्य हुआ, तो आप सब गवाह होंगे।”
अचानक, प्लेटफॉर्म नंबर 3 से एक ट्रेन की सीटी सुनाई दी। लेकिन कोई ट्रेन नहीं थी। रवि ने हैरानी से उस ओर देखा, तभी उसे एक सफेद साड़ी पहने लड़की दिखाई दी। वह बेंच पर बैठी थी, उसका चेहरा झुका हुआ था।
रवि हिम्मत करके उसके पास गया। “कौन हो तुम?” — कोई जवाब नहीं मिला।
“यहाँ कोई ट्रेन नहीं आती… तुम यहाँ क्या कर रही हो?” — रवि ने दोबारा पूछा।
धीरे-धीरे लड़की ने सिर उठाया। उसकी आँखें काली और गहराई से भरी हुई थीं। चेहरे पर दर्द और क्रोध का मिला-जुला भाव था। रवि पीछे हटने लगा, लेकिन उसके कदम जम गए थे।
लड़की बोली, “मैं हर रात यहाँ आती हूँ… उसी ट्रेन का इंतज़ार करने, जिसने मेरी जान ली।”
रवि डर से काँपने लगा। “तुम… तुम इंसान नहीं हो?”
वो मुस्कराई, एक डरावनी मुस्कान। “मैं उस दिन की सवारी हूँ, जो कभी पूरी नहीं हुई। मेरी आत्मा इस स्टेशन पर कैद है… और अब, तुम्हारी भी होगी।”
रवि भागने के लिए मुड़ा, लेकिन पीछे से किसी अदृश्य शक्ति ने उसे ज़मीन पर गिरा दिया। कैमरा ज़मीन पर गिरकर रिकॉर्डिंग करता रहा — आखिरी दृश्य था रवि की चीख, और प्लेटफॉर्म पर उस लड़की की परछाईं।
अगली सुबह, स्थानीय पुलिस को स्टेशन पर रवि का टूटा हुआ कैमरा और एक अधजला बैग मिला। रवि का कोई सुराग नहीं मिला। वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया, लेकिन जो भी उसे देखता, वह अगले 13 दिनों में गायब हो जाता।
अब कहा जाता है कि शमशानपुर जंक्शन पर दो परछाइयाँ घूमती हैं — एक लड़की, और एक यूट्यूबर, जो डर को हकीकत में बदल चुका है।