साल 2003 में दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक परिवार रहता था – मिश्रा परिवार। परिवार में माता-पिता और एक 16 साल की बेटी थी – नेहा।
घटना की शुरुआत:
एक रात नेहा के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। उसने उठाया – दूसरी ओर एक लड़की की धीमी, काँपती आवाज़ थी:
> “मुझे बचाओ… मैं यहीं पास में हूं… लेकिन कोई मुझे देख नहीं सकता।”
नेहा ने समझा कि यह किसी का मज़ाक है। लेकिन अगले दिन वही नंबर फिर से कॉल करता रहा – रात के 2:13 पर।
जब नेहा ने उस नंबर को ब्लॉक किया और गूगल पर खोजा, तो पता चला कि वह नंबर तीन साल पहले एक लड़की का था, जो एक सड़क हादसे में मर चुकी थी।
नेहा को अब हर रात सपनों में वही लड़की दिखने लगी – खून से लथपथ, सफेद स्कूल ड्रेस में। वह हर बार कहती:
“मैं यहीं मरी थी… और मेरा शरीर अब भी सड़क के नीचे दबा हुआ है…”
नेहा ने इस बारे में अपने माता-पिता को बताया। कुछ दिन बाद, वहां मेट्रो का काम शुरू हुआ और खुदाई में एक लड़की का कंकाल मिला – ठीक वहीं, जहाँ नेहा ने सपना देखा था।
DNA टेस्ट से पता चला – वह कंकाल पायल नाम की लड़की का था, जो 2000 में लापता हुई थी। और… उसका मोबाइल नंबर वही था – जो नेहा को हर रात डराने आता था।
नेहा का परिवार उस इलाके से शिफ्ट हो गया। लेकिन आज भी, कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्हें रात के 2:13 बजे अनजान कॉल आता है – जिसमें कोई कहता है:
“क्या तुम मुझे देख सकते हो…?”