नाम है मेरा माया
– सिद्धिकी रुखसाना
नाम है मेरा माया,
मैं हूं दुसरे दुनियां की छाया ,
जी हां नाम हैं मेरा माया।
ये आवाज़ सुनी थी मैं बचपन में ,
जब अनजान थी मैं इस माया से ,
दर्पण में मैं जब खुद को संवारा करती थी,
मेरे पिछे वो बालों को बिखेरा करती थी।
तब समझ में आया था कि,
ये सिर्फ आवाज़ ही नहीं ,
बल्कि एक छाया था ,
जिस का नाम माया था।
अकसर वो पुकारा करती थी ,
अपनी वाणी इंसानों तक पहुंचाया करती थी ,
आंखो की लाली देख कर ,
बदले की भावना उस में नजर आती है।
माया का उद्देश केवल बुरे इंसानों को चीरना ,
दिलों संग खेलना था ,
क्योंकि टूटा था माया का दिल भी था,
जब माया के प्रेमी को उससे छीना था।
माया को तलाश है उस व्यक्ति की ,
जिस ने माया के जिस्म को नोचा था ,
बचाओ बचाओ कहती थी पर ,
फिर भी न उसे छोड़ा था।
नाम है मेरा माया, और
मैं हूं दुसरे दुनियां की छाया
जी हां नाम हैं मेरा माया।