डाउ हिल एक छोटा-सा पहाड़ी इलाका है जो दार्जिलिंग के पास स्थित है। यह जगह सिर्फ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि डाउ हिल बॉयज बोर्डिंग स्कूल और उसके पास के जंगलों में होने वाली अजीबोगरीब और खौफनाक घटनाओं के लिए कुख्यात है।
डाउ हिल में स्थित एक पुराना अंग्रेजों के समय का बोर्डिंग स्कूल है – डाउ हिल बॉयज हाई स्कूल। यह स्कूल ब्रिटिश काल में बना था और आज भी कार्यरत है। स्थानीय लोगों के अनुसार, 1990 के दशक में जब स्कूल बंद रहता था, तब भी वहां से किसी के चलने की आवाजें, बच्चों के चिल्लाने की गूंज, और अजीब सी फुसफुसाहटें सुनाई देती थीं।
कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने साये को खिड़कियों से झाँकते हुए देखा है, जबकि स्कूल खाली होता था। एक टीचर ने बताया कि उसे कई बार ऐसा लगा जैसे कोई उसकी क्लास में बैठा है, पर जब उसने पलटकर देखा – वहां कोई नहीं था।
स्कूल के पीछे का विक्टोरिया जंगल इस कहानी का सबसे खौफनाक हिस्सा है। यह जंगल इतना सघन और रहस्यमयी है कि यहाँ अकेले जाना खतरे से खाली नहीं। सालों पहले यहाँ लकड़हारे काम किया करते थे। एक बार एक लकड़हारे ने जंगल में एक बिना सिर के लड़के को चलते हुए देखा।
पहले उसे लगा कि उसकी आंखों का भ्रम है। लेकिन जब वही दृश्य लगातार कई बार उसकी आंखों के सामने आया – वह बुरी तरह डर गया। उस लकड़हारे ने कहा कि वह लड़का बिना सिर के चलता है और अचानक पेड़ों के बीच गायब हो जाता है।
जब गाँव वालों को इस बारे में पता चला, तो कई अन्य लोगों ने भी कहा कि उन्होंने जंगल में अजीब चीजें देखी हैं – जैसे पेड़ों के बीच से कोई झाँक रहा हो, किसी के फुसफुसाने की आवाजें, और बिना पैरों के एक औरत का हवा में उड़ना।
इन घटनाओं के बाद कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने दावा किया कि डाउ हिल के जंगल में कुछ ऐसा है जो मानव दिमाग पर नियंत्रण करता है। एक व्यक्ति ने बताया कि जब वह जंगल में गया, तो अचानक उसे लगा कि कोई उसके अंदर घुस गया है। जब वह घर लौटा, तो उसके व्यवहार में बड़ा बदलाव आ गया।
उसने अचानक हिंसक व्यवहार करना शुरू कर दिया, चीजें तोड़ने लगा, और यहाँ तक कि अपने ही परिवार पर हमला कर दिया। जब उसे एक पंडित के पास ले जाया गया, तो पंडित ने कहा कि उसके ऊपर बुरी आत्मा का साया है।
ऐसे कई मामले सामने आए जहाँ लोग जंगल में जाने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठे। यह बात धीरे-धीरे गाँव के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के बीच दहशत का कारण बन गई।
इन घटनाओं के बाद कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने दावा किया कि डाउ हिल के जंगल में कुछ ऐसा है जो मानव दिमाग पर नियंत्रण करता है। एक व्यक्ति ने बताया कि जब वह जंगल में गया, तो अचानक उसे लगा कि कोई उसके अंदर घुस गया है। जब वह घर लौटा, तो उसके व्यवहार में बड़ा बदलाव आ गया।
उसने अचानक हिंसक व्यवहार करना शुरू कर दिया, चीजें तोड़ने लगा, और यहाँ तक कि अपने ही परिवार पर हमला कर दिया। जब उसे एक पंडित के पास ले जाया गया, तो पंडित ने कहा कि उसके ऊपर बुरी आत्मा का साया है।
ऐसे कई मामले सामने आए जहाँ लोग जंगल में जाने के बाद मानसिक संतुलन खो बैठे। यह बात धीरे-धीरे गाँव के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के बीच दहशत का कारण बन गई।
2004 में डाउ हिल स्कूल का एक छात्र, जो काफी होशियार और हँसमुख था, अचानक बदल गया। उसने बार-बार कहा कि उसे कोई साया पीछा कर रहा है। उसने अपने दोस्तों को बताया कि जब वह रात को सोता है, तो कोई उसका गला दबाने की कोशिश करता है।
किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। एक दिन स्कूल की बिल्डिंग के तीसरे माले से उसने कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके कमरे से एक पर्ची मिली जिस पर लिखा था –
“वह मुझे हर रात बुलाता है, अब मैं जा रहा हूँ”
इस घटना के बाद कई बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया। कई माता-पिता ने अपने बच्चों को वहाँ से हटा लिया और प्रशासन से स्कूल को बंद करने की मांग की। हालांकि, स्कूल आज भी खुला है, लेकिन वहाँ पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है।